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दोहरा रहा हूँ बात पुरानी कही हुई
दोहरा रहा हूँ बात पुरानी कही हुईतस्वीर तेरे घर में थी मेरी लगी हुई इन बद-नसीब आँखों ने देखी है बार बारदीवार में ग़रीब की ख़्वाहिश चुनी हुई ताज़ा ग़ज़ल […]
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ख़फ़ा होना ज़रा सी बात पर तलवार हो जाना
ख़फ़ा होना ज़रा सी बात पर तलवार हो जानामगर फिर ख़ुद-ब-ख़ुद वो आप का गुलनार हो जाना किसी दिन मेरी रुस्वाई का ये कारन न बन जाएतुम्हारा शहर से जाना […]
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बादशाहों को सिखाया है क़लंदर होना
बादशाहों को सिखाया है क़लंदर होनाआप आसान समझते हैं मुनव्वर होना एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा हैतुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना सिर्फ़ बच्चों की मोहब्बत […]
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भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है
भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता हैमोहब्बत करने वाला इस लिए बरबाद रहता है अगर सोने के पिंजड़े में भी रहता है तो क़ैदी हैपरिंदा तो वही […]
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किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आईमैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में माँ आई यहाँ से जाने वाला लौट कर कोई नहीं आयामैं […]
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इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिएआप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए आप दरिया हैं तो फिर इस वक़्त हम ख़तरे में हैंआप कश्ती हैं तो हम […]