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  • दोहरा रहा हूँ बात पुरानी कही हुई

    दोहरा रहा हूँ बात पुरानी कही हुई

    munawwarrana.in

    Sep 29, 2023

    दोहरा रहा हूँ बात पुरानी कही हुईतस्वीर तेरे घर में थी मेरी लगी हुई इन बद-नसीब आँखों ने देखी है बार बारदीवार में ग़रीब की ख़्वाहिश चुनी हुई ताज़ा ग़ज़ल […]

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  • ख़फ़ा होना ज़रा सी बात पर तलवार हो जाना

    ख़फ़ा होना ज़रा सी बात पर तलवार हो जाना

    munawwarrana.in

    Sep 29, 2023

    ख़फ़ा होना ज़रा सी बात पर तलवार हो जानामगर फिर ख़ुद-ब-ख़ुद वो आप का गुलनार हो जाना किसी दिन मेरी रुस्वाई का ये कारन न बन जाएतुम्हारा शहर से जाना […]

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  • बादशाहों को सिखाया है क़लंदर होना

    बादशाहों को सिखाया है क़लंदर होना

    munawwarrana.in

    Sep 29, 2023

    बादशाहों को सिखाया है क़लंदर होनाआप आसान समझते हैं मुनव्वर होना एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा हैतुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना सिर्फ़ बच्चों की मोहब्बत […]

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  • भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है

    भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है

    munawwarrana.in

    Sep 29, 2023

    भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता हैमोहब्बत करने वाला इस लिए बरबाद रहता है अगर सोने के पिंजड़े में भी रहता है तो क़ैदी हैपरिंदा तो वही […]

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  • किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई

    किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई

    munawwarrana.in

    Sep 29, 2023

    किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आईमैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में माँ आई यहाँ से जाने वाला लौट कर कोई नहीं आयामैं […]

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  • इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए

    इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए

    munawwarrana.in

    Sep 29, 2023

    इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिएआप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए आप दरिया हैं तो फिर इस वक़्त हम ख़तरे में हैंआप कश्ती हैं तो हम […]

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