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दोहरा रहा हूँ बात पुरानी कही हुई
दोहरा रहा हूँ बात पुरानी कही हुईतस्वीर तेरे घर में थी मेरी लगी हुई इन बद-नसीब आँखों ने देखी है बार बारदीवार में ग़रीब की ख़्वाहिश चुनी हुई ताज़ा ग़ज़ल […] Continue Reading →
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मुख़्तसर होते हुए भी ज़िंदगी बढ़ जाएगी
मुख़्तसर होते हुए भी ज़िंदगी बढ़ जाएगीमाँ की आँखें चूम लीजे रौशनी बढ़ जाएगी मौत का आना तो तय है मौत आएगी मगरआप के आने से थोड़ी ज़िंदगी बढ़ जाएगी […] Continue Reading →
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अच्छा हुआ कि मेरा नशा भी उतर गया
अच्छा हुआ कि मेरा नशा भी उतर गयातेरी कलाई से ये कड़ा भी उतर गया वो मुतमइन बहुत है मिरा साथ छोड़ करमैं भी हूँ ख़ुश कि क़र्ज़ मिरा भी […] Continue Reading →
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हँसते हुए माँ-बाप की गाली नहीं खाते,
हँसते हुए माँ-बाप की गाली नहीं खाते,बच्चे हैं तो क्यूँ शौक़ से मिट्टी नहीं खाते! तुम से नहीं मिलने का इरादा तो है लेकिन,तुम से न मिलेंगे ये क़सम भी […] Continue Reading →