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मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता
मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता,अब इस से ज़ियादा मैं तिरा हो नहीं सकता! बस तू मिरी आवाज़ से आवाज़ मिला दे,फिर देख कि इस शहर में […] Continue Reading →
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कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ़ नहीं देखा
कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ़ नहीं देखा,तुम्हारे बा’द किसी की तरफ़ नहीं देखा! ये सोच कर कि तिरा इंतिज़ार लाज़िम है,तमाम-उम्र घड़ी की तरफ़ नहीं देखा! यहाँ तो जो […] Continue Reading →
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अलमारी से ख़त उस के पुराने निकल आए
अलमारी से ख़त उस के पुराने निकल आए,फिर से मिरे चेहरे पे ये दाने निकल आए! माँ बैठ के तकती थी जहाँ से मिरा रस्ता,मिट्टी के हटाते ही ख़ज़ाने निकल […] Continue Reading →
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ख़फ़ा होना ज़रा सी बात पर तलवार हो जाना
ख़फ़ा होना ज़रा सी बात पर तलवार हो जानामगर फिर ख़ुद-ब-ख़ुद वो आप का गुलनार हो जाना किसी दिन मेरी रुस्वाई का ये कारन न बन जाएतुम्हारा शहर से जाना […] Continue Reading →