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मुख़्तसर होते हुए भी ज़िंदगी बढ़ जाएगी
मुख़्तसर होते हुए भी ज़िंदगी बढ़ जाएगीमाँ की आँखें चूम लीजे रौशनी बढ़ जाएगी मौत का आना तो तय है मौत आएगी मगरआप के आने से थोड़ी ज़िंदगी बढ़ जाएगी […]
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अच्छा हुआ कि मेरा नशा भी उतर गया
अच्छा हुआ कि मेरा नशा भी उतर गयातेरी कलाई से ये कड़ा भी उतर गया वो मुतमइन बहुत है मिरा साथ छोड़ करमैं भी हूँ ख़ुश कि क़र्ज़ मिरा भी […]
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हँसते हुए माँ-बाप की गाली नहीं खाते,
हँसते हुए माँ-बाप की गाली नहीं खाते,बच्चे हैं तो क्यूँ शौक़ से मिट्टी नहीं खाते! तुम से नहीं मिलने का इरादा तो है लेकिन,तुम से न मिलेंगे ये क़सम भी […]
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मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता
मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता,अब इस से ज़ियादा मैं तिरा हो नहीं सकता! बस तू मिरी आवाज़ से आवाज़ मिला दे,फिर देख कि इस शहर में […]
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कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ़ नहीं देखा
कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ़ नहीं देखा,तुम्हारे बा’द किसी की तरफ़ नहीं देखा! ये सोच कर कि तिरा इंतिज़ार लाज़िम है,तमाम-उम्र घड़ी की तरफ़ नहीं देखा! यहाँ तो जो […]
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अलमारी से ख़त उस के पुराने निकल आए
अलमारी से ख़त उस के पुराने निकल आए,फिर से मिरे चेहरे पे ये दाने निकल आए! माँ बैठ के तकती थी जहाँ से मिरा रस्ता,मिट्टी के हटाते ही ख़ज़ाने निकल […]